Dalhousie: पर्यटकों के लिए एक अद्भुत पर्यटन स्थल
Dalhousie हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है Dalhousie, भारत के प्रमुख और खूबसूरत मनमोहक पर्यटन स्थलों में से एक है। ब्रिटिश काल के दौरान स्थापित इस हिल स्टेशन का नाम भारत के तत्कालीन वायसराय Lord Dalhousie के नाम पर रखा गया था। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और औपनिवेशिक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां की ठंडी जलवायु और हरे-भरे पहाड़ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। और इस जगह को सबसे खास बनाता है इसका वातावरण यहाँ आप गर्मियों में जाते हैं तो आप बहुत ही cool और बहुत आनंदित महसूस करेंगे क्यूंकी गर्मी का तो आपको बिल्कुल भी एहसास नहीं होगा । यहाँ मौसम हमेशा ही ठंडा और पर्यटकों के हक में होता है । Dalhousie में आपको बहुत ही शांत तरह के वातावरण का एहसास होगा क्यूंकी इस जगह पर दूसरे पर्यटन स्थलों के मुकाबले थोड़ी कम चहल पहल देखने को मिलेगी जिससे आप शांति का मजा ले सकेंगे और अपनी जिंदगी के हसीन पलों को हमेशा के लिए यादगार बना सकेंगे ।
Dalhousie के प्रमुख आकर्षण
खजियार:The mini Switzerland of india
खजियार, जिसे “भारत का स्विट्ज़रलैंड” भी कहा जाता है, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यह डलहौजी से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खजियार अपनी प्राकृतिक सुंदरता, हरे-भरे मैदानों और घने देवदार के जंगलों के लिए प्रसिद्ध है।
यहाँ पर एक सुंदर झील भी है जिसे खजियार झील कहा जाता है। झील के चारों ओर हरी घास का मैदान है जो इसे एक अद्वितीय सौंदर्य प्रदान करता है। खजियार एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और यहाँ पर ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, ज़ॉर्बिंग और घुड़सवारी जैसी कई गतिविधियाँ की जा सकती हैं।
डलहौजी भी एक प्रमुख हिल स्टेशन है, जो खजियार के पास स्थित है। यहाँ की शांत और ठंडी जलवायु, पुराने चर्च, औपनिवेशिक युग की इमारतें और हरे-भरे जंगल इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। डलहौजी और खजियार का दौरा करने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर तक का होता है।
Kalatop Wildlife Sanctuary कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य:
कलाटोप वन्यजीव अभयारण्य हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है। यह अभयारण्य डलहौजी से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और खजियार के रास्ते में आता है। कलाटोप का मतलब “काले पहाड़” होता है, और यह नाम यहां के घने देवदार के जंगलों के कारण पड़ा है जो कि दूर से काले दिखाई देते हैं।
कलाटोप वन्यजीव अभयारण्य लगभग 30.69 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और यह अपने समृद्ध वन्यजीव और वनस्पति के लिए जाना जाता है। यहां तेंदुआ, भालू, हिरण, हिमालयन काले भालू, और विभिन्न प्रकार के पक्षी जैसे हिमालयन मॉनल, काली तीतर, और कोकल, आदि पाए जाते हैं।
यह अभयारण्य ट्रेकिंग और वन्यजीव फोटोग्राफी के लिए भी बहुत लोकप्रिय है। यहाँ की ऊंचाई लगभग 2,440 मीटर है, जिससे यहां की जलवायु ठंडी और सुखद रहती है। कलाटोप वन्यजीव अभयारण्य का दौरा करने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर तक होता है, जब मौसम सुखद और दृश्यता साफ होती है।
सुभाष बावली dalhousie :
सुभाष बावली (Subhash Baoli) डलहौजी, हिमाचल प्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह स्थान सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने यहां कुछ समय बिताया था। कहा जाता है कि यहां के प्राकृतिक वातावरण और ताजे पानी के झरने ने उनके स्वास्थ्य में सुधार किया था।
सुभाष बावली डलहौजी से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसे एक शांत और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। यहां एक छोटा सा कुंड भी है, जहां लोग बैठ सकते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। यह जगह ट्रेकिंग और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है।
यह ऐतिहासिक स्थल नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि यहां ठहरने से उन्हें स्वास्थ्य लाभ हुआ था। यह जगह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए प्रसिद्ध है।
पंचपुला:Dalhousie
पंचपुला डलहौजी के पास स्थित एक सुंदर जलप्रपात है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और ताजगी भरी हवा पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है। पंचपुला के पास ही सुभाष चंद्र बोस की स्मृति में एक स्मारक भी स्थित है।
St. John’s Church dalhousie स्ट. जॉन चर्च:
सेंट जॉन्स चर्च डलहौजी में स्थित एक प्रमुख और ऐतिहासिक चर्च है। यह चर्च डलहौजी के सबसे पुराने चर्चों में से एक है और 1863 में स्थापित किया गया था। इसे ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेज अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए बनाया गया था।
सेंट जॉन्स चर्च की वास्तुकला गोथिक शैली में है, जो इसे अन्य चर्चों से विशिष्ट बनाती है। यह चर्च अपने सुंदर कांच की खिड़कियों और शांति पूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। चर्च के भीतर की सजावट और इसके चारों ओर के हरे-भरे बगीचे इसे एक आकर्षक स्थल बनाते हैं।
यह चर्च पर्यटन के लिए खुला रहता है और यहां आने वाले लोग प्रार्थना करने के साथ-साथ इसकी ऐतिहासिक और वास्तुकला की सुंदरता का आनंद भी लेते हैं। सेंट जॉन्स चर्च डलहौजी के मुख्य बाजार से बहुत पास स्थित है, जिससे यहां पहुंचना आसान होता है।
गतिविधियाँ Activities in Dalhousie
ट्रेकिंग और हाइकिंग:
डलहौजी और इसके आसपास के इलाके तरकिंग और हाइकिंग के लिए भी बहुत प्रसिद्ध हैं और इन सभी गतिविधियों के लिए अनुकूल भी हैं खजियार, कालाटॉप और डैइकुंड जैसी जगहों पर ट्रेकिंग का लुटप भी उठा सकते हैं ये सब वो इलाके हैं जहां आप इन सभी गतिविधियों को बड़े ही आराम और शांत वातावरण में इन्जॉय कर सकते हैं ।
फोटोग्राफी:
यहाँ की वादियों की सुंदरता को देखने के बाद हर कोई इन यादों और वादियों को अपने लिए सुरक्षित यादगार लम्हे के रूप में सभी सँजो कर रखना तो चाहते ही हैं । इसलिए ये जगह फटोग्राफी के लिए तो एक बेहद बढ़िया जगह है ही । आप माउंटेन , फोररेस्ट और सुंदर पेड़ों के बीच फोटोग्राफी का आनंद ले सकते हैं और यहाँ पे आपको प्रोफेशनल फोटोग्राफी के भी options उपलब्ध हैं जो बहुत कम और अछे कीमत में आपके लिए फोटोग्राफर उपलब्ध करवाते हैं ।
पैराग्लाइडिंग:
पैराग्लाइडिंग की अगर बात करें और खजियार का नाम न आए ऐसा कभी हो सकता है क्या दोस्तों आपको बता दें की खजीयर पैराग्लाइडिंग के लिए एक बहुत ही प्रसिद्ध जगह है जहां पे भारी मात्रा में पैराग्लाइडिंग की जाती है आप जब खजियार के मैदान में पहुचते हैं तो आपको आसमान पैराग्लाइरस से भरा हुआ दिखाई देता है हालांकि कई बार पैराग्लाइडिंग करते समय लोग हादसों का शिक्कार भी हुए हैं इसलिए इसमें सावधानी बरतना और एक अनुभवी राइडर को चुनना बहुत जरूरी है ।
स्थानीय बाजार:
डलहौजी के स्थानीय बाजारों में शॉपिंग करना एक शानदार अनुभव है। यहां के बाजारों में आपको हिमाचली शॉल, ऊनी वस्त्र, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय सामान मिलते हैं। जो बहुत ही बढ़िया और बेहद खूबसूरत कलाकारी करके बनाए जाते हैं । यहाँ की दुकानों में आपको लोकल खाने से लेकर हस्त कलाकारी द्वारा बनाए गए वस्तु मिलते हैं ।
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ठहरने की व्यवस्था
डलहौजी में विभिन्न प्रकार के आवास विकल्प उपलब्ध हैं, जो विभिन्न बजट और आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। यहां लक्जरी होटल, रिसॉर्ट्स, गेस्ट हाउस और बजट होटलों की कोई कमी नहीं है। आप अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार किसी भी आवास का चयन कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें
- वायुमार्ग: निकटतम हवाई अड्डा कांगड़ा (Kangra Airport) हवाई अड्डा है, जो डलहौजी से लगभग 107 किलोमीटर दूर है। यहां से आप टैक्सी या बस के माध्यम से डलहौजी पहुंच सकते हैं।
- रेलमार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, जो डलहौजी से लगभग 80 किलोमीटर दूर है। पठानकोट से डलहौजी के लिए नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।
- सड़क मार्ग: डलहौजी सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन की बसें और निजी टैक्सी सेवाएं यहां तक पहुंचने का सुविधाजनक माध्यम हैं।
डलहौजी अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य है। यहां के हरे-भरे पहाड़, सुंदर झीलें और आकर्षक दर्शनीय स्थल पर्यटकों को एक यादगार अनुभव प्रदान करते हैं। अगर आप भी एक शांत और खूबसूरत स्थान की तलाश में हैं, तो डलहौजी आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।